• पशुपालन और डेयरी विभाग
  • DEPARTMENT OF ANIMAL HUSBANDRY AND DAIRYING
  • भारत सरकार GOVERNMENT OF INDIA
    मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying

Megamenu

नियमों का आवंटन


भाग-I:- निम्नदलिखित विषय जो भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची-I के अंतर्गत आते है:

  • वे उद्योग जिनके लिए संसद ने विधि द्वारा घोषणा की है कि उन पर संघ का नियंत्रण लोकहित में समीचीन है, वहां तक जहां तक उनका संबंध पशुधन और पक्षी-दाना तथा डेयरी और मुर्गीपालन उत्पा दों के विकास से है, इस परिसीमा के साथ कि उद्योगों के विकास के संबंध में पशुपालन और डेयरी विभाग के कृत्य,, मांगों के आकलन और लक्ष्यों के नियतन से अधिक न हो।
  • पशुधन, डेयरी और मुर्गीपालन और इसके अवसंरचना विकास, विपणन, निर्यात तथा संस्थातगत व्यीवस्थान आदि सहित सहयुक्तप क्रियाकलापों का संवर्धन और विकास।
  • पशुधन, डेयरी और मुर्गीपालन से संबंधित क्रियाकलापों में लगे हुए व्यपक्तियों का कल्याशण।
  • पशुधन और मुर्गीपालन के विकास से संबंधित मामलों में अंतर्राष्ट्री य संगठनों से संपर्क और सहयोग।
  • पशुधन गणना।
  • पशुधन सांख्यिकी।
  • प्राकृतिक विपत्तियों के कारण पशुधन को हुए नुकसान संबंधी मामले।
  • पशुधन आयात का विनियमन, पशु करंतीन और प्रमाणीकरण।
  • गौशाला और गौसदन।
  • कांजीहौस और पशु अतिचार से संबंधित मामले।
  • पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण।
  • पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 (1960 का 59)।

भाग-II: निम्नेलिखित विषय जो भारत के संविधान की सातर्वी अनुसूची की सूची-III के अंतर्गत आते हैं (केवल विधान की बाबत):

  • पशु चिकित्साी व्य वसाय वृत्ति।
  • पशुओं और पक्षिओं को हानि पहुंचाने वाले संक्रामक या सांसर्गिक रोगों या नाशक जीवों के एक राज्यर से दूसरे राज्ये में फैलने का निवारण।
  • स्वादेशी प्रजातियों में परिवर्तन लाना: पशुधन की स्वशदेशी प्रजातियों के लिए केंद्रीय यूथ पंजी बनाना एवं उनका रखरखाव।
  • 16- राज्य अभिकरणों/सहकारी संघों के माध्य म से विभिन्नद राज्यं उपक्रमों, डेयरी विकास स्की मों के लिए वित्तीणय सहायका का स्वघरूप।

भाग-III: संघ राज्यू क्षेत्रों के लिए उपर्युक्तं भाग-I और भाग- II में वर्णित विषय जहां तक वे इन राज्योंी क्षेत्रों की बाबत विद्यमान हैं, और इनके अतिरिक्तऔ निम्नवलिखित विषय जो भारत के संविधान की सातवी अनुसूची की सूची-II के अंतर्गत आते हैं:

  • पशु नस्ल‍ का परिरक्षण, संरक्षण और उन्नहति तथा पशु और पक्षी रोगों का निवारण, पशु-चिकित्सान प्रशिक्षण और व्यिवसाय।
  • रीतिपाल्यक अधिकरण।
  • पशुधन और पक्षियों का बीमा।

भाग-IV:

  • पशु उपयोग और वध से संबंधित मामले।
  • चारा विकास।