• पशुपालन और डेयरी विभाग
  • DEPARTMENT OF ANIMAL HUSBANDRY AND DAIRYING
  • भारत सरकार GOVERNMENT OF INDIA
    मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying

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1 केंद्रीय क्षेत्र की योजना, डेयरी प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचा विकास निधि (डीआईडीएफ) के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक स्वीकृति M-02023/2/2017-CDD (E-5422) 2020-10-27 Addendum-To-AA-2020-21.pdf
2 शुद्धिपत्र: केंद्रीय क्षेत्र की योजना, डेयरी प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे के विकास के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक स्वीकृति M-02023/2/2017-CDD (E-5422) 2020-07-14 DIDF-Cosolidated-AA-for-2020-21.pdf
3 केंद्रीय क्षेत्र की योजना "डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक स्वीकृति M-02023/2/2017-CDD (E-5422) 2022-01-21 AdimistrativeApprovalDIDF2021-22.pdf
4 केंद्रीय क्षेत्र की योजना "डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक स्वीकृति M-02023/2/2017-CDD (E-5422) 2022-05-12 DIDF-AA-for-2022-23.pdf
डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ)

केंद्रीय बजट 2017-18 की घोषणा के परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ 8,004 करोड़ रुपए की कायिक निधि सहित डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि की स्थापना की गई है। दिनांक 12.09.2017 को हुई बैठक में सीसीईए ने इस योजना को अनुमोदित कर दिया है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से अपने दशकों पुराने प्रशीतन और प्रसंस्करण संयंत्रों को प्रतिस्थापित करने और मूल्य वर्धित उत्पाद संयंत्रों को जोड़ने के लिए पूंजीगत दुग्ध सहकारी समितियों को 6.5% की दर पर रियायती ऋण प्रदान करना है। डीआईडीएफ के परियोजना घटकों के लिए वित्तीय परिव्यय के 10,881 करोड़ रुपए में से, 8,004 करोड़ रुपए नाबार्ड से एनडीडीबी/ एनसीडीसी को दिया गया ऋण होगा, 2,001 करोड़ रुपये अंतिम उधारकर्ताओं का योगदान होगा, 12 करोड़ रुपये एनडीडीबी/ एनसीडीसी का हिस्सा होगा और डीएएचडी द्वारा ब्याज सहायता के रूप में 864 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाएगा। यह परियोजना ग्रामीण स्तर पर प्रसंस्करण और प्रशीतन अवसंरचना की स्थापना और इलेक्ट्रॉनिक दुग्ध मिलावट जांच उपकरणों की स्थापना करके दूध खरीदने की कुशल प्रणाली का निर्माण करने पर केंद्रित है।

यह योजना देश भर में राज्य डेयरी परिसंघों, जिला दुग्ध संघों, दुग्ध उत्पादक कंपनियों, बहु राज्य सहकारी समितियों और एनडीडीबी सहायक कंपनियों, जिन्हें पात्र अंतिम उधारकर्ताओं (ईईबी) के रूप में जाना जाता है, को ऋण सहायता प्रदान करने की परिकल्पना करती है। योजना की निधियन अवधि (2017-18 से 2019-20) को संशोधित कर 2018-19 से 2022-23 तक किया जाएगा और वित्त वर्ष 2031-32 की पहली तिमाही तक समाप्त होने के साथ पुनर्भुगतान की अवधि को वर्ष 2030-31 तक बढ़ाया जाएगा।


डीआईडीएफ योजना के उद्देश्य: 

  • • और अधिक दूध प्रसंस्करण के लिए दूध प्रसंस्करण संयंत्रों और मशीनरी का आधुनिकीकरण करना तथा अतिरिक्त अवसंरचना तैयार करना।

कार्यान्वयन एजेंसी और अंतिम उधारकर्ता: 

  • • राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा कार्यान्वित
  • • अंतिम उधारकर्ता: दुग्ध संघ, राज्य डेयरी परिसंघ, बहु-राज्य दुग्ध सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक कंपनियां और एनडीडीबी सहायक कंपनियां।

निधि और निधियन पद्धति का स्रोत (रुपए करोड़ में): 

प्रारंभ करने के समय पर (2017)दिनांक 19.02.2020 को सीसीईए के निर्णय के पश्चात्
नाबार्ड ऋण8004नाबार्ड ऋण8004
अंतिम उधारकर्ता का योगदान2001अंतिम उधारकर्ता का योगदान2001
एनडीडीबी का योगदान6एनडीडीबी का योगदान6
एनसीडीसी का योगदान6एनसीडीसी का योगदान6
डीएएचडी से ब्याज सहायता864डीएएचडी से ब्याज सहायता1167
ब्याज सहायता दर2%2.5% ( w.e.f 30.7.2019)-
कुल परिव्यय10,881कुल परिव्यय11,184