दिनांक 17.06.2019 के ई-राजपत्र का॰आ॰ सं 1972(ई) में प्रकाशित कैबिनेट सचिवालय की अधिसूचना संख्या 1/21/7/2019-सचि॰ के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (एएच एंड डी), मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के नव निर्मित विभागों में से एक है। पशुपालन और डेयरी विभाग (एएच एंड डी) का नाम बदलकर पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (डीएडीएफ) कर दिया गया, जो कृषि मंत्रालय के विभागों में से एक था और 1 फरवरी 1991 को विभाग के दो डिवीजनों, कृषि और सहकारिता विभाग के दो प्रभागों अर्थात् पशुपालन और डेयरी विकास को एक अलग विभाग में परिवर्तित करके अस्तित्व में आया। कृषि और सहकारिता विभाग के मत्स्यपालन विभाग और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के कुछ हिस्से को बाद में 10 अक्टूबर 1997 से इस विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। यह विभाग कृषि भवन, नई दिल्ली में स्थित है और विभाग के कुछ प्रभाग चंद्रलोक भवन, जनपथ, नई दिल्ली से कार्यरत हैं।
विभाग पशुधन उत्पादन, संरक्षण, बीमारियों से सुरक्षा और स्टॉक में सुधार और डेयरी विकास से संबंधित मामलों के साथ-साथ दिल्ली दूध योजना (डीएमएस) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से संबंधित मामलों के लिए भी उत्तरदायी है।
यह विभाग पशुपालन और डेयरी विकास के क्षेत्र में नीतियां और कार्यक्रम तैयार करने में राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों को सलाह देता है। क्रियाकलापों का मुख्य बल है :
- पशु उत्पादकता में सुधार लाने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अपेक्षित आधारभूत संरचना के विकास।
- स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था के माध्यम से पशुधन के परिरक्षण और संरक्षण।
- राज्यों को वितरित करने के लिए बेहतर जर्मप्लाज्म के विकास के लिए केन्द्रीय पशुधन फार्मों (गोपशु, भेड़ और कुक्कुट) का सुदृढ़ीकरण।