राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी)
राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (एसआईए) अर्थात् राज्य सहकारी डेयरी परिसंघों/ जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों द्वारा दुग्ध उत्पादों की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिए डेयरी अवसंरचना तैयार और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विभाग वर्ष 2014-15 से राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहा है।
एनपीडीडी के तहत केंद्र और राज्य की निधि साझा करने की पद्धति निम्नानुसार है:
- i. एनडीपी राज्यों में बल्क मिल्क कूलर, डेयरी प्लांट, मिल्क पाउडर प्लांट और पुनर्वास परियोजनाओं के लिए केंद्र की 50% साझेदारी।
- ii. गैर-एनडीपी राज्यों में लाभ कमाने वाले दुग्ध संघों के लिए उपरोक्त घटकों हेतु केंद्र की 75% साझेदारी।
- iii. गैर-एनडीपी राज्यों, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में नुकसान वाले दुग्ध संघों के लिए उपरोक्त घटकों हेतु केंद्र की 90% साझेदारी।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान, विभाग मुख्य रूप से दो कार्यकलापों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, नामत: (क) ग्राम आधारित दुग्ध खरीद प्रणाली और (ख) ग्राम/जिला/राज्य स्तर पर दुग्ध गुणवत्ता परीक्षण सुविधाएं।